इस्लामाबाद: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के लिए विदेशी प्रतिनिधिमंडलों ने रविवार को पाकिस्तान पहुंचना शुरू कर दिया। कार्यक्रम के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय राजधानी इस्लामाबाद में सेना की तैनाती के साथ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। ‘जियो न्यूज’ ने हवाई अड्डा सूत्रों के हवाले से बताया कि रूस का 76 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल और एससीओ के सात प्रतिनिधि पाकिस्तान पहुंचे हैं। इसके अलावा भारत का चार सदस्यीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल भी पाकिस्तान पहुंच गया है। चीन से 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल, किर्गिस्तान से चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल और ईरान से दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी इस्लामाबाद पहुंचा है।
सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध
एससीओ के सदस्य देशों के शासनाध्यक्षों की 23वीं बैठक 15 और 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में होगी जिसके लिए अधिकारियों ने कड़े सुरक्षा प्रबंध किए हैं। इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) नासिर अली रिजवी ने एक बयान में कहा कि राजधानी में होने वाले शिखर सम्मेलन से पहले ‘‘व्यापक’’ सुरक्षा योजना तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा कर्मियों को होटलों और उन स्थानों पर तैनात किया जाएगा जहां विदेशी प्रतिनिधिमंडल ठहरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि वो विदेशी नेताओं, प्रतिनिधिमंडलों और मेहमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। रिजवी ने बताया कि तलाशी और सूचना-आधारित अभियान चलाए जा रहे हैं और पाकिस्तानी सेना, खुफिया एजेंसियां, फ्रंटियर कोर (एफसी) एवं रेंजर्स के कर्मियों को तैनात किया गया है।
इस्लामाबाद एससीओ शिखर सम्मेलन सुरक्षा
प्रदर्शनों और रैलियों पर प्रतिबंध
पुलिस प्रमुख ने बताया कि सुरक्षा के लिए पुलिस बल के 9,000 से अधिक कर्मियों को तैनात किया गया है और ‘‘नागरिकों की सुविधा के लिए एक यातायात प्लान भी जारी किया गया है।’’ सरकार ने किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए राजधानी में पहले ही सेना को तैनात कर दिया है और इस्लामाबाद, पड़ोसी रावलपिंडी और कुछ अन्य शहरों में हर प्रकार के विरोध प्रदर्शनों और रैलियों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
इस्लामाबाद में एससीओ शिखर सम्मेलन की सुरक्षा
‘तैयार है पाकिस्तान’
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने इस्लामाबाद में कार्यक्रम की व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए आयोजित कार्यक्रम के दौरान मीडिया से कहा, ‘‘हम भारतीय विदेश मंत्री सहित शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं का गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कई वर्षों के बाद किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है और वह अपनी जिम्मेदारियों को बेहतरीन तरीके से निभाएगा। डार ने कहा कि चीनी प्रधानमंत्री अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत ने द्विपक्षीय बैठक के लिए कोई अनुरोध नहीं किया है।
पाकिस्तान सुरक्षा में एससीओ शिखर सम्मेलन
PTI ने दी है विरोध प्रदर्शन की धमकी
इस बीच यहां यह भी बता दें कि, ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ पार्टी ने जेल में बंद अपने नेता इमरान खान पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ 15 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन करने की धमकी दी है और मांग की है कि सरकार उन्हें अपने परिवार, कानूनी टीम और चिकित्सक से मिलने की अनुमति दे। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का नाम लिए बिना डार ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान करके शिखर सम्मेलन को विफल करने की कोशिश करने के लिए पार्टी की आलोचना की। डार ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण आयोजनों के दौरान विरोध प्रदर्शन सकारात्मक संदेश नहीं देते।’’ एससीओ में पाकिस्तान, चीन, भारत, रूस, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस शामिल हैं – 16 अन्य देश पर्यवेक्षक या ‘‘वार्ता साझेदार’’ के रूप में संबद्ध हैं। (भाषा)
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