बरेली बार के अध्यक्ष मनोज हरित और सचिव वीपी ध्यानी की प्रबल पैरवी के चलते प्राण घातक हमला करने के आरोपी प्रणव सक्सेन की जमानत ADJ-3 कोर्ट से हुई ख़ारिज।अभियुक्त की तरफ से उनके अधिवक्ता अरविन्द श्रीवास्तव ने पैरवी की और अभियुक्त का पक्ष रखा।
ग्रीन पार्क के पास रहने वाले अधिवक्ता सुनील सक्सेना पर जानलेवा हमला करने वाले प्रणव सक्सेना उर्फ़ शम्भू की जमानत जिला सत्र न्यायाधीश-3 राकेश त्रिपाठी ने ख़ारिज कर दी. न्यायालय के आदेश में कहा गया है की `अभियुक्त द्वारा कारित अपराध न्यायिक कार्य में अवरोध उत्पन्न करने के समान है।` अभियुक्त द्वारा कार्य अपराध गंभीर प्रवृत्ति का है। अभियुक्त प्रणव सक्सेना उर्फ शंभू की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाता है.
न्यायालय में अधिवक्ता सुनील सक्सेना की पैरवी बार के अध्यक्ष मनोज हरित और सचिव वीपी ध्यानी व अधिवक्ता आशीष सक्सेना ने की,अभियुक्त प्रणव सक्सेना उर्फ़ शम्भू की तरफ से पूर्व बार अध्यक्ष अरविन्द श्रीवास्तव ने पैरवी की। बार अध्यक्ष मनोज हरित ने कहा की अधिवक्ता सुनील सक्सेना पर अपने मुव्किल के मुकदमो की पैरवी के चलते उन पर जान लेबा हमला हुआ था इसलिये बार उनके साथ खड़ी थी।बार के किसी भी अधिवक्ता के खिलाफ अगर कोई भी विधि विरुद्ध कार्य होता है तो हम उसके कंधे से कंधा मिलाकर हमेशा साथ देंगे।वही बार सचिव वीपी ध्यानी ने कहा की अधिवक्ता सुनील सक्सेना पर जानलेबा हमला सिर्फ अधिवक्ता पर हमला नहीं है ये पूरे न्याय पालिका पर हमला है जिसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
गौरतलब है की सुनील सक्सेना थाना बारादरी के अन्तर्गत ग्रीन पार्क के पास क्रिस्टल कालोनी में रहते हैं। नैनीताल निवासी सिद्धि सक्सेना व बरेली के शिवम् सक्सेना के बीच अदालत में पारिवारिक विवाद चल रहा है। सुनील सक्सेना शिवम सक्सेना की ओर से वकील हैं। गत वर्ष सुनील सक्सेना को हार्ट अटैक हुआ था, जिसके बाद उनके हृदय में दो स्टंट डाले गए। गत वर्ष 18 अक्टूबर को उनके ऊपर बीसलपुर रोड के पास जानलेवा हमला हुआ। तीन हमलावर बुलेट मोटरसाइकिल पर आये थे और उन्होंने उन्हें लोहे की राड से बुरी तरह से मारा पीटा और गिरा कर उनके सीने के पास जूतों से प्रहार किए, जिससे उनकी कालर बोन टूट गई। हमलावरों का इरादा उनको जान से मारने का था मौके पर रहागीर इकट्ठा होने लगे थे तभी हमलाबर वहा से भाग गये।